NGO Full Form: आज हम NGO Full Form in Hindi और NGO क्या है और कैसे शुरू करे, इस लेख में बताने वाले हैं। यदि आप भी इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारे साथ पोस्ट के अंत तक बने रहें। तो आईये जानते हैं NGO का Full Form क्या होता हैं:
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NGO Full Form In Hindi | NGO का फुल फॉर्म क्या है?
NGO– NGO का Full Form “Non-Governmental Organization” है। NGO का हिंदी में फुल फॉर्म “गैर सरकारी संगठन” हैं। NGO सरकार के हस्तक्षेप के बिना समाज कल्याण के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। World NGO Day हर साल 27 फरवरी को मनाया जाता है।

NGO क्या हैं? | Meaning Of NGO In Hindi | NGO का मतलब क्या होता हैं
NGO का पूरा नाम Non-Governmental Organization है जिसे गैर सरकारी संगठन कहा जाता है। गैर सरकारी संगठन विधवा महिलाओं को रहने के लिए जगह देने, गरीब अनाथ बच्चों को स्कूल भेजने, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने आदि जैसे काम करके लोगों की मदद करते हैं। सरकार का इस समूह से कोई लेना-देना नहीं है।
NGO का मुख्य लक्ष्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। यह एक ऐसा समूह है जिसे कोई भी चला सकता है। NGO की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी, जहां इस प्रकार के सामाजिक कार्य सरकार के अलावा अन्य समूहों द्वारा किए जाते हैं।
NGO कैसे शुरू करे?
यदि आप एक एनजीओ शुरू करना चाहते हैं, तो आपको ऐसा करने के लिए नियमों को जानना होगा। क्योंकि हर राज्य के अपने नियम होते हैं। यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो आप एक NGO शुरू कर सकते हैं।
- NGO में काम करने के लिए आपको एक एनजीओ का सदस्य होने चाहिए। रजिस्ट्रेशन के समय ही आप एनजीओ से जुड़ सकते हैं। एक NGO के गठन के लिए कम से कम सात सदस्य होने चाहिए।
- एक एनजीओ के गठन के लिए, उसके लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ-साथ उसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, सलाहकार सदस्य आदि को भी तय किया जाना चाहिए। ये भाग मिलकर NGO की संरचना बनाते हैं।
- एनजीओ शुरू करने से पहले आपको यह जानना होगा कि लोगों की समस्याएं क्या हैं। तो, आपको पता होना चाहिए कि आपके एनजीओ का उद्देश्य और मिशन क्या है और एनजीओ में अपने काम को इस आधार पर करना चाहिए कि समाज में लोगों की समस्याएं क्या हैं।
- बहुत सारे लोग हैं जो अपनी समस्याओं के बारे में बात नहीं कर सकते हैं। उनकी समस्याओं को कोई नहीं सुनता, इसलिए किसी भी NGO का लक्ष्य यह होना चाहिए कि वह सुनें, लोगों की समस्याओं का पता लगाएं और उसके आधार पर NGO शुरू करें। तभी एनजीओ का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।